गंजापन क्यों आता है ?
हम दीक्षा आयुर्वेद भवन में पिछले काफी समय से हेयर डिज़ीज़ (बालों से जुड़ी बीमारियों) पर काम कर रहे हैं। गंजेपन के लिए मरीज की सोच सबसे अधिक जिम्मेदार होती है, और इस सोच के दो प्रमुख कारण होते हैं।
बीमारी की तरह गंजापन भी एक बीमारी है

2017 में 20% और 2019 में 40% तक सुधार
मैरिको के प्रभावी नतीजे: 2017 में 20% और 2019 में 40% तक गंजापन कम हुआ, भरोसेमंद समाधान प्रस्तुत।

2021 में 80% और 2023 में 100%
2021 में 80% गंजापन और 2023 में 100% गंजापन का स्तर दर्शाता है कि समस्या में लगातार वृद्धि हो रही है।
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Ramesh
I’ve followed this routine and become healthier. Natural methods have proven to be highly effective.
गंजापन एवं मरीज की सोच
- गारंटी देंगे क्या?
- नतीजा न आया तो क्या होगा?
- पैसे चले गए तो क्या होगा?
- पहले किसी का परिणाम दिखाइए, तब इलाज कराएंगे।
यही कुछ बातें मरीज को इलाज शुरू करने से रोकती हैं। लेकिन अब देखें कि मरीज की इसी सोच के कारण वह गंजा कैसे हो जाता है।
Treatment Steps Photo Analysis by Doctor

चरण 1:आयुर्वेद बनाम ट्रांसप्लांट
आयुर्वेदिक उपचार से ट्रांसप्लांट की तुलना में बेहतर और प्राकृतिक परिणाम मिलते हैं, जैसे दूसरे फोटो में दिखाया गया है।

चरण 2: डॉक्टर का मरीज से संवाद
इस चरण में डॉक्टर मरीज से बातचीत करते हैं, उनकी समस्याओं को समझते हैं और उचित उपचार योजना बनाते हैं।

चरण 3: दवाओं की तैयारी
इस चरण में फार्मासिस्ट द्वारा मरीज के उपचार के लिए आवश्यक दवाओं की सटीक तैयारी की जाती है।
Features
- प्राकृतिक उपचार
- साइड इफेक्ट्स से मुक्त
- दीर्घकालिक परिणाम
- सटीक और व्यक्तिगत इलाज
- विज्ञान और आयुर्वेद का संयोजन
Benefits
- बालों की प्राकृतिक वृद्धि
- सुरक्षित और प्रभावी
- किसी भी प्रकार के गंजापन का इलाज
- स्वास्थ्य में सुधार
- आयुर्वेदिक इलाज से बेहतरीन परिणाम
बाल सफेद कैसे होते हैं ?
नोट:
बाल कभी भी सीधे सफेद नहीं होते। बाल पहले काले होते हैं, फिर हल्के काले यानी ग्रे रंग के हो जाते हैं, जैसा कि फोटो नं.-1 में दिखाया गया है। इसके बाद वे सफेद होते हैं। हल्के काले बालों को गहरे काले बनाकर सफेद होने से रोका जा सकता है, लेकिन सफेद बालों को फिर से काला नहीं किया जा सकता।
यदि आप चिकित्सा लेते हैं, तो हल्के काले बाल गहरे काले हो जाते हैं। यह असर दाढ़ी, आइब्रो, और सिर के बालों पर भी होता है। जैसा कि फोटो नं.-2 में दिखाया गया है, चिकित्सा के बाद मरीज के सिर, दाढ़ी और आइब्रो के बाल अधिक काले और स्वस्थ हो गए हैं।

Before Treatment (1)

After Treatment (2)
बाल्यावस्था में गंजेपन की शुरूआत
जिस व्यक्ति को 18 या 20 वर्ष की आयु में अत्यधिक तेजी से सिर खाली दिखने लगता है, अर्थात जो कम उम्र में ही गंजापन का सामना करने लगता है, उनके लिए गंजेपन की शुरुआत 8 से 10 वर्ष की आयु से हो सकती है। अब आप फोटो नंबर 1 और फोटो नंबर 2 में देखें, जहां गोले वाली जगह पर बाल कम होना शुरू हो गए हैं। जैसे-जैसे उम्र बढ़ेगी, इनका गंजापन और बढ़ता जाएगा।
अब आप फोटो नंबर 3 में देखें, इस बच्चे के बाल पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं, अर्थात इसे गंजापन का खतरा नहीं रहेगा।
निष्कर्ष:
गंजापन केवल युवावस्था में ही नहीं, बल्कि बाल्यावस्था से ही शुरू हो सकता है। माता-पिता को अपने बच्चों के बालों का ध्यान उनके बचपन से ही रखना चाहिए।
Diksha Ayurved Bhawan
दिक्षा आयुर्वेद भवन ने Aaj Tak और ZEE News पर सटीक और व्यक्तिगत आयुर्वेदिक इलाज के परिणाम दिखाए।
निष्कर्ष
मैं सिर्फ यह कहना चाहता हूँ कि आप सही समय पर चिकित्सा कराएं। किसी भी बीमारी में सबसे महत्वपूर्ण चीज यह है कि मरीज़ किस समय पर डॉक्टर के पास पहुँचता है। कोई भी मरीज़ किसी भी बीमारी में जितनी जल्दी डॉक्टर के पास जाएगा, उतना बेहतर परिणाम मिलने की संभावना रहती है।
निष्कर्ष
मैंप्रकाश चन्द्र अग्रवाल, अपने एवं अपनी टीम की तरफ से आप सभी से यह विनम्रता से कहना चाहते हैं कि चिकित्सा में गारंटी की अपेक्षा न करें। चिकित्सा आपको इलाज दे सकती है जो वर्तमान से बेहतर करता है, परंतु गारंटी नहीं दे सकती। चिकित्सा आप कहीं से भी, किसी भी चिकित्सक से कराएं, निश्चित रूप से आप वर्तमान से बेहतर होंगे।
निवेदक : प्रकाश चन्द्र अग्रवाल दीक्षा आयुर्वेद भवन, लखनऊ
